Monday, June 27, 2011

नलिन का जादू

          कल रात और आज दोपहर मैंने नलिन कुमार पंड्या (Pan Nalin) की क्रमशः 'समसारा' और 'वैली ऑव फ्लोवर्स'  देखीं | दोनों फिल्में नलिन कुमार पंड्या (Pan Nalin) की बनायीं हुई हैं, कहानी भी उनकी ही लिखी हुई हैं | सबसे पहली बात जो मैं कह देना चाहता हूँ वो ये : इतनी हसीन, इतनी शांत, इतनी सुन्दर, इतनी खूबसूरत कल्पनाएँ, इतना सुन्दर छायांकन | ये पंड्या का जादू था या लद्दाख की वादियों का, ठीक से कह नहीं सकता | अगर इन फिल्मों में प्रेम अंश या कशिश की बात करें तो उसमें भी टाईटेनिक या यश चोपड़ा आदि नलिन के आगे पानी भरते नज़र आते हैं | मेरी नज़र में बॉलीवुड में अगर कोई कमर्शियल फिल्म जो इन दोनों फिल्मों के आस-पास कहीं नज़र आती है तो वो सिर्फ अनुरानन है | संयोग की बात ये की 'अनुरानन' भी हिमालय की वादियों में ही घुमती रहती है | तो ये तो मानना पड़ेगा कि हिमालय में पक्का ऐसा कुछ है जो आपको खींचता है और जाने नहीं देता | पंड्या के बारे में कहा गया है कि उन्होंने खुद पूरे भारत और हिमालय की गहरी यात्रायें की हैं |

          'समसारा' में ताशी (Shawn Ku) नामक एक नौजवान भिक्षु है जो तीन साल के कड़े तप से अभी-अभी बाहर आया है | जो अपने नवयौवन की स्वाभाविक प्रतिक्रियाओं पर दिखावटी संयम की चादर नहीं ओढना चाहता | वह मठ से निकलकर संसार में चला जाता है और पेम (Christy Chung) नामक युवती के साथ गृहस्थ बसाता है | बाद में उसमें फिर से वैराग्य जागता है | वह दुबारा मठ की और लौटने की कोशिश करता ही है कि इस बार रास्ते में वर्तमान की 'यशोधरा' ('पेम' उसकी पत्नी) आ खड़ी होती है जो अपने तर्कों से ताशी के संसार और अध्यात्म के बीच डोलते चितभ्रम को खण्ड-खण्ड करती दिखाई पड़ती है | ये फिल्म मूल रूप से लद्दाखी और तिब्बती भाषा में बनी है पर मैंने इसे हिंदी में देखा | काश मैं तिब्बती समझ पाता !! इसकी पटकथा विश्वामित्र और मेनका की कहानी से भी एक हद तक जुडी हुई है | 'समसारा' एक संस्कृत शब्द है और जिसका मतलब जन्म-जन्मांतर का योनी चक्र बताया है | बार-बार जन्म लेना और मरना | एक चक्र जिससे पार पाना ही लक्षित है, मोक्ष है | भारतीय मनीषा के अनुसार ब्रह्माण्ड की सारी गतियाँ एक चक्र में चलती हैं ना की सीधी | हर चक्र के अंदर कई चक्रों का समूह भी है, मतलब 'यत्पिंडे तत् ब्रह्माण्डे' | दुःख मुझे ये भी है कि समसारा 2001 में रिलीज हुई और मैंने इसे 10 साल बाद देखा |
          'वैली ऑव फ्लोवर्स' (फूलों की घाटी) की कहानी अट्ठारवी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में शुरू होती है | जहाँ एक तिब्बती दस्यु जलन (मिलिंद सोमण) और उसका दल है जो व्यापारियों के कारवां लूट कर अपनी खुद की अलग स्वतन्त्र जिंदगी जीने में विश्वास रखते हैं | पर एक दिन एक अनजान रहस्यमयी सुंदरी उष्ना (उष्ण) (Mylène Jampanoï) उनके दल में आती है | जो जलन को अपने आगोश में लेती ही जाती है और धीरे-धीरे उसको दल से दूर करती जाती है | वो एक रहस्यमयी femme fatale है जिसके पेट पर नाभि नहीं है | उष्ना अपनी उष्णता में जलाती है और जलन जलता है | वो जलन को अमरत्व की गहराईओं में ले जाती है | एक दिन ऐसा अता है जब उष्ना जलन को धोखा देकर खुद मृत्यु को प्राप्त कर लेती है पर जलन को अनंत काल तक अश्वथामा की तरह अमरत्व को एक शाप की तरह भोगने के लिए छोड़ जाती है जलन को दिए इस संताप के कर्म का हिसाब उसे वर्तमान युग में जापान में कहीं जाकर चुकता करना पड़ता है जब जलन उसे दुबारा मिलता है | पर इस बार जलन मरता है और उष्ना फिर से अमरत्व का बोझ ढोने को मजबूर होती है |

          हमेशा की तरह नसीर साहब और कश्यप साहब, दोनों इस जगह भी आ धमके हैं ;-) जहाँ नसीरुद्दीन शाह 'वैली ऑव फ्लोवर्स' में यति नामक एक अघोरी के किरदार में हैं वहीँ अनुराग कश्यप ने इसके हिंदी संवाद लिखे हैं | समसारा नलिन की पहली कमर्शियल फिल्म थी जिसके लिए उन्हें काफी क्रिटिकल अक्लैम और अवार्ड भी मिले हैं | नलिन इन दिनों अपनी नयी फिल्म 'Buddha: The Inner Warrior' पर काम कर रहे हैं | देखें और अधिक विकिपीडिया पर नलिन के बारे में |

          'समसारा' और 'वैली ऑव फ्लोवर्स' दोनों यूट्यूब पर उपलब्ध हैं | 'वैली ऑव फ्लोवर' तो हिंदी में है पर 'समसारा' तिब्बती भाषा में अंग्रेजी के सबटाईटल्स के साथ उपलब्ध है, मैं जल्द ही आज-कल में 'समसारा' का हिंदी वर्जन यूट्यूब पर अपलोड करूँगा और मित्रों से शेयर करूँगा |

'वैली ऑव फ्लोवार्स' का एक दृश्य :


'समसारा' के लिए यहाँ देखें, (चूँकि अपलोड करता द्वारा embed unable है)
http://www.youtube.com/watch?v=k0Q7BPFQs0g

2 comments:

  1. इन फिल्‍मों को देखने की उत्‍सुकता जाग उठी, धन्‍यवाद.
    आपकी लेखनी भा गई, ब्‍लॉग को फालो कर रहा हूं, अब फीडरीडर मोबाईल से नये पोस्‍ट को पढ़ते रहूंगा.

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  2. ब्लॉग बढिया लगा, फुर्सत में घूमूँगा आपके ब्लॉग पर .

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